‘वक्फ बिल को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे’, अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेंगे मुस्लिम; बैठक में और क्या बोले AIMPLB अध्यक्ष?

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board Meeting) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Khalid Saifullah Rahmani) ने गुरुवार को एक बैठक को संबोधित किया। इस दौरान बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के साथ अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।कांस्टीट्यूशन क्लब में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार रखते हुए कहा कि यह वक्फ छीनने के लिए है। कहा सैकड़ों साल पुराने वक्फ का दस्तावेज कहां से लाए। जामा मस्जिद का कोई दस्तावेज मांगे तो कैसे चलेगा। 13 सदस्य गैर मुस्लिम होंगे, वक्फ बोर्ड में, वह स्वीकार्य नहीं।

वक्फ ट्रिब्यूनल से अधिकार को कलेक्टर को, जबकि कई मामलों में सरकार एक वादी है। कई वक्फ पर सरकार का कब्जा है, ऐसे में कलेक्टर कैसे फैसला लेगा। वक्फ बोर्ड में सरकारी दखल बढ़ा दी गई है, जबकि यह सरकार द्वारा दी गई संपत्ति का मामला नहीं।उन्होंने कहा कि सारे मुसलमान बेचैन है। साफ कहना चाहते है कि पूरे मुल्क में कानून की हदों में रहते हुए तहरीक चलाएंगे। कहा हम अंतिम दम तक लड़ेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस बिल को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि जो पार्टियां जीती हैं वो मुस्लिम इत्तेहाद पर जीती हैं, जिन सेक्युलर पार्टियों ने यह कहा था कि हम सत्ता में आते हैं तो हर मजहब के लोगों को उसके मजहब के आधार पर चलने की आजादी देंगे। चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सभी ने कहा कि हम मुखालफत (विरोध करना) करेंगे।सैफुल्लाह ने कहा कि बिल बनाने के लिए पहले मशविरा क्यों नहीं किया गया। कहा लीगल और लोकतांत्रिक विरोध जताएंगे। मुस्लिम पूरी तरह से एकजुट हैं। कहा यह वक्फ पर नियंत्रण की कोशिश है, सुधार नहीं। इसलिए एक-एक क्लाज पर कानून समिति ने राय तय की है।

उन्होंने कहा कि बिल्कुल झूठा प्रपोगंडा है, वक्फ संपत्तियां इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि हर कोई चाह रहा है कि उसके मोहल्ले में मस्जिद हो मदरसे हो। कहा कि बात उससे की जाती है, जिसने बातचीत का दरवाजा खुला रखा हो। लेकिन इस सरकार ने 10 सालों से बातचीत का दरवाजा बंद कर रखा है तो हम किससे बातचीत करें।

पार्टियों से इंसाफ की उम्मीद

मौलाना सैफुल्लाह ने कहा कि यह पूरा बिल मुस्लिमों से नाइंसाफी, बदनीयती से बनाया गया है। यह मसला जुल्म और इंसाफ का है। बीजेपी के साथ की पार्टियों से इंसाफ की उम्मीद है। कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने उस एजेंडे को ऊपर रखा था और उस वादे पर कायम हैं। कहा कि विधेयक का समर्थन करने वाले मुस्लिमों के प्रतिनिधि नहीं, हम कानून के दायरे में रहकर विरोध करेंगे। इसमें दूसरे धर्म के लोगों को साथ लाएंगे।

हुकूमत जानबूझकर ऐसा कर रही

वहीं, मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने कहा कि हुकूमत जानबूझकर ऐसा कर रही है, इस्लाम, मुस्लिम के खिलाफ खुलकर नजरिए को पेश कर रही है। कहा चुनाव में जितनी तकरीरों में मुस्लिम और इस्लाम पर चोट की जाती रही। वे सोचते रहे कि हिंदू-मुस्लिम की नफरत पैदा कर चुनाव जीता जा सकता है, लेकिन वह नाकाम रहा।

मौलाना ने कहा कि मुल्क के हिंदू और मुस्लिम दोनों ने वोट दिया, उसको शिकस्त दी। यह नहीं होना चाहिए था। 1300 साल से साथ शरीक हैं। लेकिन सत्ता में बैठा व्यक्ति नफरत पैदा करे, यह किसी मुल्क के लिए खतरनाक बात है।

हजारों लोग मौत के घाट उतारे गए

उन्होंने कहा कि मसला केवल वक्फ का नहीं, बल्कि अल्पसंख्यकों को जो अधिकार दिया गया है कि हम मुल्क की आजादी में 150 साल से साथ हजारों लोग मौत घाट उतारे गए। दस्तूर मुल्क का सेक्युलर होगा नहीं, आज की हुकूमत उसके खिलाफ है, वह अल्पसंख्यक को महफूज नहीं रखना चाहती। कांग्रेस कहती है कि वह हर किसी को आजादी देगी। आज उसका परिणाम चुनाव के रूप में सामने है। कहा कि पूरा बिल रिजेक्ट होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *