सड़क हादसों पर सरकार और पुलिस फेल पवार की मृत्यु बड़ी त्रासद
November 25,2024/ sarita gautam
सरिता न्यूज़ देहरादून
उत्तराखंड में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा और प्रदेश की सरकार और पुलिस की व्यवस्था सवालों के घेरे में है कल देर रात हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता और राज्य निर्माण आंदोलन अधिकारी योद्धा त्रिवेंद्र सिंह पवार का आसिम निधन हो गया उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष और जनहित के मामलों पर हमेशा मुखर रहने वाले पवार की मृत्यु ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया
त्रिवेंद्र सिंह पवार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि उत्तराखंड की जमीन राजनीति और सरकारों से जुड़े एक आंदोलनकारी का कोना है उन्होंने कहा त्रिवेंद्र पवार जैसा नेता जो हमेशा राज्य के हित के लिए लड़ा उ आशा मृत्यु ने हमें झांझर कर रख दिया यह हादसा केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है हमारी सड़कों पर कितना बड़ा खतरा मंदा रहा है
हर हादसे के बाद केवल आश्वासन मिलते हैं लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं सिस्टम की इस लापरवाही का खामियां जा प्रदेशवासियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है
श्री धसवाना जी ने राज्य सरकार से मांग की वह तत्काल सड़क सुरक्षा के लिए प्रभावी और ठोस कदम उठाए उन्होंने कहा कि हास्य को रोकने के लिए केवल घोषणा से नहीं बल्कि सख्त नीतियों और उनकी कढ़ाई से पालन करने की आवश्यकता है त्रिवेंद्र सिंह पवार का जाना राज्य की राजनीति और आंदोलनकारी भावनाओं के लिए अपूर्ण श्रुति है उनकी इस समय मृत्यु ने जहां सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी वही इस प्रदेश स्वास्थ्य को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सड़क सड़क हादसों से निपटने के लिए अब और कितनी जानू की बलि देनी पड़ेगी
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